शनिवार, 11 सितंबर 2010

सच का दस्ता वेज


'मल- मूत्र ढोता भारत विचार की कसोटी पर' पुस्तक  का  लोकार्पण करती,  एस . एस  नूर, विमल थोरात , रमणिका गुप्ता,  अनीता भारती, राजेंद्र यादव एवं मैत्री पुष्पा. ( बाए से )








सच का दस्ता वेज


'मल -मूत्र ढोता भारत: विचार की  कसोटी पर' एक दर्पण है हमारे समाज की जो उस सच को बयान करता है जिसे सदियों से हम आँख चुराते है और गलत ढंग से लोगो के बीच रख ते है! ये ना केवल भारत के उन तमाम शोसितो की दर्द की आवाज है बल्कि उनके इनके  हल के जिम्मेदार कारणों को भी शोध लेखो के माध्यम से उजागर किया गया है ! 'मल - मूत्र ढोता भारत: विचार की कसोटी पर' केवल लेखों का संग्रह नहीं बल्कि तथ्यों के साथ प्रस्तुत एक शोध है. रमणिका फौन्डेशन का यह एक और कदम है दलितों और सोशितो की आवाज को मजबूत करने का.



                                                               उमा साह










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