रविवार, 19 सितंबर 2010

'पंजाबी साहित्य में दलित कदम'',युद्धरत आम आदमी पत्रिका विषेशांक का लोकार्पण

दलित लेखन को प्रोत्साहन देने में रमणिका फाऊंडेशन और 'युद्धरत आम आदमी' पत्रिका का अमुल्य योगदान है। यदि ऐसा कहा जाये कि इस ने दलित लेखन को एक आंदोलन की शक्ल दी तो अतिशयोक्ती नहीं होगी। जिस तरह दलित समाजिक बुराई से लडते-भिडते हुये अपनी व्यथा-गाथा लिख रहे हैं वह निश्चय ही उन्की आत्मचेतना को ऊपर उठाने में मददगार सिद्ध होगा। इसी सन्दर्भ में 'युद्धरत आम आदमी' ने २६ नवंम्बर २००१ में एक विषेशांक का लोकार्पण किया जिसे नाम दिया गया "पंजाबी साहित्य में दलित कदम'।

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