साल 2013 का दलित और आदिवासी हिंदी साहित्य
रंगनाथ सिंह
बीबीसी हिन्दी डॉटकॉम के लिए
रविवार, 5 जनवरी, 2014 को 14:48 IST तक के समाचार
दलित-आदिवासी साहित्य की पुस्तकों की यह सूची अपने आप हिंदी में दलित-आदिवासी साहित्य की स्थिति बयाँ करेगी. इनमें से शायद ही किसी किताब का ज़िक्र इससे पहले आई किसी सूची में हुआ है.
साल 2013 में हिंदी में प्रकाशित उल्लेखनीय किताबों की पांचवी किस्त में दलित और आदिवासी साहित्य की उल्लेखनीय पुस्तकें.
रमणिका गुप्ता
- नन्हें सपनों का सुख, कविता संग्रह, सरिता बड़ाइक, रमणिका फाउंडेशन, नई दिल्ली
सरिता झारखंड की चिक बड़ाइक जनजाति की हैं. उनकी कविताएँ बहुत अच्छी हैं.
- आदिवासी दुनिया, आलेख, हरिराम मीणा, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली
इस किताब में आदिवासियों की भाषा, इतिहास और मिथकों इत्यादि पर लिखा है. उन्होंने सभी आदिवासी जातियों की गोत्र समेत सूची भी दी है.
- आदिवासी साहित्य विमर्श, आलेख, गंगा सहाय मीणा, अनामिका पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स, दिल्ली
यह संपादित पुस्तक है और उल्लेखनीय है.
- आदिवासी लेखन एक उभरती चेतना, आलेख, रमणिका गुप्ता, सामयिक प्रकाशन
इस किताब में पूर्वोत्तर और पूरे आदिवासी साहित्य की विवेचना की गई है. इसमें उनकी रचनाओं का प्रयोग किया गया है. इसमें लगभग बीस भाषाओं का अनुवाद आपको मिलेगा जिसकी आलोचना की गई है.
- आदिवासी कहानियाँ, कहानी संग्रह, केदारनाथ मीणा, अलक प्रकाशन, जयपुर
- भंवर, उपन्यास, कैलाश चंद चौहान, सामयिक प्रकाशन, नई दिल्ली
- मेले में लड़की, कहानी संग्रह, पूनम तूषामड़, सामयिक प्रकाशन
- महानायक बाबा साहब डॉ. अंबेडकर, उपन्यास, मोहनदास नैमिशराय, धनज्योति चेरिटेबेल ट्रस्ट
महान नायक बाबा साहब अंबेडकर एक बहुत बड़ी कृति है. यह हिन्दी में बाबा साहब पर लिखा गया पहला उपन्यास है.
- छतरी, कहानी संग्रह, ओमप्रकाश वाल्मीकि, ज्ञानपीठ प्रकाशन
मृत्यु से पहले उन्होंने यह किताब ख़त्म की थी. यह एक महत्वपूर्ण किताब है.