शुक्रवार, 4 अक्टूबर 2013

वर्तमान समय और युवा साहित्य’ विषय पर साहित्यकार सम्मेलन

अलवर. राजस्थान साहित्य अकादमी तथा बी एस मेमोरियल शिक्षा समिति के संयुक्त तत्वावधान में अलवर में ‘वर्तमान समय और युवा साहित्य’ विषय पर  साहित्यकार सम्मेलन आयोजित किया गया. सम्मलेन में अकादमी के अध्यक्ष वेद व्यास ने कहा कि बाजारवाद ने समाज में व्याप्त बुराइयों के लिए मूल तक पहुंच कर उन्हें समाप्त करने की कोशिश करने वाले लेखन की कमर तोड़ दी है। दिल्ली से आए कथाकार भगवानदास मोरवाल ने कहा कि साहित्य में दलाल संस्कृति पैदा हो गई है जिसके कारण आलोचना के सामने चुनौतियां बढी हैं. बनासजन के संपादक पल्लव ने कहा कि साहित्यकारों ने दिल्ली को साहित्य का केंद्र मान लिया है जबकि हिन्दी की रचनाशीलता कहीं अधिक व्यापक है।
 उन्होंने इधर के परिदृश्य में आई कुछ उल्लेखनीय किताबोने की चर्चा करते हुए बताया कि इस दौर में राजस्थान के लेखकों ने भी खासी पहचान बनाई है।  युवा लेखिका डॉ. प्रज्ञा ने कहा कि खोखला लोकतंत्र साहित्य के लिए खतरा बन रहा है। इसकी जन विरोधी नीतियों की खिलाफत करने पर दमन कर दिया जाता है। डॉ प्रज्ञा ने युवा लेखन में गहरे वैचारिक सरोकारों की जरूरत बताई। वर्धा से आए समालोचक प्रो शंभू गुप्त ने कहा कि आचरण को लेकर बहस हो तो साहित्य जगत से आधा साहित्य निकालना होगा। उन्होंने कहा कि हर दस  साल बाद साहित्य की पीढ़ी बदल जाती है ऐसे में युवा विशेषण की अधिक प्रासंगिकता नहीं रह जाती।
समालोचक डॉ. जीवन सिंह  ने कहा कि जीवन में अनुभवों की परिपक्वता आने पर ही लेखक युवा होता है। अनुभव की कमी के बिना युवा लेखक वास्तविकता के करीब नहीं पहुंच पाते हैं। लेखक के परिपक्व होने पर ही साहित्य का युवापन शुरू होता है। फिर भी युवा लेखक अच्छा लेखन कर रहे हैं।
चितौडग़ढ़ से आए युवा लेखक डॉ.कनक जैन ने कहा कि वर्तमान दौर में साहित्य गौण हो गया है। युवा लेखकों को इस समझते हुए अपनी भूमिका को प्रभावी बनाना होगा। कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय गोविंदगढ़ की प्रवक्ता डॉ. जयश्री ने भी विचार व्यक्त किए। अध्यक्षता प्रो. जुगमंदिर तायल ने की। संचालन संयोजक रेवती रमण शर्मा व जगदीश शर्मा ने किया। विषय प्रवर्तन डॉ.नंद किशोर नीलम ने किया।

रेवतीरमण शर्मा 
द्वारा बी एस मेमोरियल शिक्षा समिति

बुधवार, 2 अक्टूबर 2013

दिल्ली में छोटानागपुर आदिवासी करम महोत्सव

नई  दिल्ली (डी के चौहान ) भारतीय आदिवासी संगमम और छोटानागपुर वर्किंग वीमेन सोसाइटी के  सहयोग से एक दिवसीय छोटानागपुर आदिवासी करम महोत्सव का आयोजन लक्ष्मीबाई नगर के समुदाइक भवन में किया गया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध लेखिका, समाजसेवी तथा झारखण्ड के पूर्व विधायिका रमणिका गुप्ता रही. 

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मुझे करम महोत्सव में शामिल होकर अपने झारखण्ड के याद आ गया. आगे उन्होंने कहा दिल्ली जैसे महानगरो में रहकर भी आपलोग अपने संस्कृति, परंपरा  जो 5 हजार वर्ष पुराने है उनको बचाए रखे है यह सबसे बड़ी बात है.आपलोगों के समाज में सबसे बड़ी खासियत सामूहिक में विस्वास रखना है जो दुसरी समाज में देखने को नहीं मिलता है  . आपलो भाईचारे, आजादी और बराबरी में विस्वास रखते है. 

आगे उन्होंने कहा कि आदिवासियों को अपने हक़ के लिए बहुत लड़ाई करनी पड़ती है. असम में रह रहे आदिवासियों को भी केन्द्रीय सरकार आदिवासी का दर्जा  देनी चाहिए। जिससे उनका सर्वागीण विकास हो सके. 

इस अवसर पर भारतीय आदिवासी संगमम दिल्ली शाखा के अध्यक्ष श्री नोबर एक्का ने कहा कि हम आदिवासी परंपरा करम महोत्सव हर वर्ष मानते है. हम आदिवासियों का सम्पूर्ण जीवन प्रकृति के साथ जुडी हुई है उसी प्रकार हमारे हरेक पर्व प्रकृति से जुडी हुई है. करम पर्व भी प्रकृति के रूपरेखाओ से जुडी हुई है. हमारे हर त्यौहार हमारे पूर्वजो की जीवन लीलाओ की घटना, कहानी संस्कृति, भाषा से सम्बंधित है जो हमें जागरूकता, विस्वास, शिस्ताचार,एवं हमारे बुजुर्ग की तरह सेवात्मक जीवन जीने की प्रेरणा प्रदान करता है. 

उन्होंने कहा की भारत के आदिवासी क्षेत्र में हम आदिवासी समुदाई का शोषण हो रहा है. जैसे नृजातीय संघर्स, अधिकार से वंचित, विस्थापन आरक्षण, सामूहिक बलात्कार, लापता वेरोजगार के कारन हम आदिवासी असहाई एवं भाई पूर्ति जीवन जी रहे है तथा हथियार उठाने के लिए मजबूर हो रहे है. 

इस अवसर पर पहन की भुमिक विनसेंट एक्का ने निभाई। महोत्सव का सञ्चालन अशोक कुमार बाखला ने किया। डॉ शेशील खखा धन्यबाद भासन दिया। 

इस अवसर पर कई आदिवासी ग्रौपो ने नृत्य किया। मंदर ढोल, ताल के आवाजो से पुरे समुदाई क भवन गूंज उठा और लोगो को नाचने को मजबूर कर दिया। सभी लोगो ने नित्य का भरपूर मजा लिया। 

इस अवसर पर अविनाश कुल्लू ( अध्यक्ष, वेल्फर असोसियेसन ऑफ़ खड़िया ट्राइब्स, दिल्ली) सिलास कुजूर, सुशिल कुमार तिर्की, फुल्केरिया, जॉन मिंज, मक्सिमा, अनीता, निरंजन बारवा, पत्रकार डी  के चौहान, बिरदी लकड़ा, सुनील केरकेट्टा सहित कई गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद रहे.

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